772 साल से ज्यादा पुराना हैं उड़ीसा का कोणार्क सूर्य मंदिर, 7 घोड़ों और 12 पहियों क्या है राज !
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ओडिशा में स्थित प्रसिद्ध कोणार्क सूर्य मंदिर बलुआ पत्थर और ग्रेनाइट से बने हुए हैं। इस भव्य मंदिर को देखने के लिए दुनियाभर से सैलानी आते हैं।
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इस प्रसिद्ध मंदिर को इस तरह से बनाया गया है कि सूरज की पहली किरण मंदिर के प्रवेश द्वार पर पड़ती है।
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भगवान सूर्य को समर्पित इस मंदिर का निर्माण 1250 ई. में गांग वंश राजा नरसिंहदेव प्रथम ने कराया था.
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साल 1903 में कोणार्क सूर्य मंदिर का मुख्य द्वार अचानक बंद कर दिया गया था, जो पूरी तरह से रेत और बजरी से ढका हुआ था।
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इस घटना को लगभग 118 साल बीत चुके हैं, लेकिन भारत सरकार ने आज तक इस दरवाजे को नहीं खोला है. जब आप कोणार्क मंदिर जाते हैं तो आपको मंदिर का मुख्य द्वार बंद मिलता है।
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इस मंदिर के मध्य में मुख्य द्वार के भीतर इस मंदिर की भव्यता और रहस्य मौजूद है। इस मंदिर से कई रहस्य जुड़े हुए हैं क्योंकि यह मंदिर अधूरा है।
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सैकड़ों सालों तक यह मंदिर रेत में दबा रहा। मंदिर में 52 टन का चुंबक लगाया गया था। इस मंदिर को बनाने वाले शिल्पकार ने आत्महत्या कर ली थी।
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इस मंदिर से रात के समय नर्तकियों की आवाजें आती हैं। ऐसे कई राज हैं जो आपके होश उड़ा देंगे।
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